9 Varanasi me Ghumne ki Jagah

Varanasi me Ghumne ki Jagah – शिव जी और माँ गंगा की कृपा, और देवों के शहर वाराणसी की अपनी ही अलग पहचान है| Varanasi (Banaras) गंगा नदी के तट पर स्तिथ दुनिया का सबसे पुराना शहर माना जाता है| वाराणसी हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है जहाँ देश-विदेश से लोग घूमने और यहाँ की संस्कृति को समझने के लिए आते है|

बनारस का नाम दो नदियों को जोड़ने से बना है, पहली है वरुणा और दूसरी है अस्सी| ऐसा कहा जाता है की जो इंसान अपने जीवन के अंतिम समय के पल वाराणसी के गंगा के घाट पर जीता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है| यहाँ स्तिथ काशी नगरी के बारे में ऐसा कहा जाता है की ये नगरी महादेव के त्रिशूल पर खड़ी है|

बनारस में कई मंदिरे है और यहाँ स्तिथ भगवान शिव को समर्पित ‘काशी-विश्वनाथ मंदिर’ दुनिया के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है| बनारस में स्तिथ ‘बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी’ दुनिया के सबसे बड़े यूनिवर्सिटी में से एक है|

यहाँ पर तैयार होने वाली ‘बनारसी सिल्क साड़ी’ भारत के साथ साथ विश्व भर में प्रसिद्ध है| ऐसा कहा जाता है की ‘बनारसी सिल्क साड़ी’ को तैयार होने में महीनो का समय लगता है| इस शहर से पंडित रवि शंकर और उस्ताद बिस्मिल्लाह खान जैसे कई विश्व प्रसिद्ध कलाकार भी जुड़े है|

आज का ये लेख इसी शहर से जुड़ा है जहाँ मैं आपको बताने वाला हूँ Varanasi me Ghumne ki Jagah जो सबसे ज्यादा प्रचलित माने जाते है| तो चलिए आज घूमते है बनारस को, और घुलते है इसके पावन संस्कृति में|

Varanasi me Ghumne ki Jagah

काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple)

kashi vishwanath mandir ghumne ki jagah

बनारस की यात्रा की शुरुवात आप काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन से शुरू कर सकते है| जो भी बनारस आता है वो सबसे पहले काशी विश्वनाथ मंदिर में ही जाता है| ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है| इस पवित्र मंदिर में हर दिन हज़ारो श्रद्धालु आते है और पवित्र गंगा में स्नान कर मंदिर के दर्शन करते है|

इस ज्योतिर्लिंग में भगवान शिव और शक्ति दोनों विराजमान है| शिवरात्रि और सावन के महीने में यहाँ सबसे ज्यादा भीड़ रहती है| मंदिर के दर्शन के बाद आप यहाँ बने corridor (गलियारा) को भी घूम सकते है जो शाम के समय काफी खूबसूरत लगता है|

काल भैरव मंदिर (Kaal Bhairav Temple)

kaal bhairav mandir ghumne ki jagah

ऐसी मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ जी ने काल भैरव को काशी नगर का क्षेत्रपाल नियुक्त किया था और तभी से काल भैरव जी इस नगर की रक्षा कर रहे है| काल भैरव जी को ‘काशी के कोतवाल’ के नाम से भी संबोधित किया जाता है| हर श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन के बाद बाबा काल भैरव जी के मंदिर के दर्शन के लिए जरूर जाता है| यहाँ काल भैरव को मदिरा का भोग लगाया जाता है, जो एक अनूठी परंपरा है| यहाँ शनि दोष, भूत-प्रेत बाधा और डर से मुक्ति के लिए पूजा की जाती है|

दशाश्वमेध घाट (Dashashwamedh Ghat)

Dashashwamedh Ghat ghumne ki jagah

ये वाराणसी का प्रमुख और सबसे प्रसिद्ध घाट है जो सांझ के गंगा आरती के लिए विश्वप्रसिद्ध है| शाम की गंगा आरती को देखने के लिए यहाँ सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विश्वभर से लोग आते है| शाम के समय यहाँ काफी भीड़ रहती है| शाम के साथ साथ यहाँ सुबह की आरती भी होती है| इसी घाट के पास काशी विश्वनाथ मंदिर और मणिकर्णिका घाट भी मौजूद है|

ऐतिहासिक मान्यताओं के अनुसार, इस घाट का निर्माण भगवान ब्रह्मा ने दस अश्वमेघ यज्ञों के बाद किया था, और इसी वजह से इसका नाम दशाश्वमेध घाट है| इस घाट पर भगवान शिव और माँ गंगा की पूजा का विशेष महत्त्व माना जाता है| Banaras me Ghumne ki Jagah लिस्ट में दशाश्वमेध घाट को जरूर शामिल करे|

अस्सी घाट (Assi Ghat)

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अस्सी घाट वाराणसी के सबसे प्रसिद्ध और पवित्र घाटों में से एक है| यह घाट गंगा नदी और अस्सी नदी के संगम पर स्थित है और हिंदू धर्म में इसका विशेष धार्मिक महत्व है| अगर आप बनारस में घूमने आए है और एक शांत जगह में बैठ प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठाना चाहते है तो आप अस्सी घाट में सूर्योदय के समय जरूर जाए|

अस्सी घाट से सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों का नज़ारा अद्भुत होता है| यह घाट कवियों, साधुओं और पर्यटकों का प्रिय स्थान भी माना जाता है| यहाँ नांव पर बैठ आप गंगा नदी और अन्य घाटों को भी घूम सकते है|

अस्सी घाट से Boat Riding

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अगर आप वाराणसी आते है और यहाँ पर नांव पर सवारी नहीं करते है तो आपकी यात्रा अधूरी मानी जाएगी| बनारस के अलग अलग घाटों को नांव पर बैठकर घूमने का एक अलग ही experience है| इसके लिए आप अस्सी घाट से नांव बुकिंग कर सकते है| यहाँ से boat riding करते हुए सारे घाटों को घूम कर वापिस आने में आपको लगभग एक घंटे का समय लग जायेगा|

कुछ प्रमुख घाट जहाँ आप घूम सकते है अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, मणिकर्णिका घाट, ललिता घाट, राजा हरिश्चंद्र घाट, केदार घाट, दरभंगा घाट, आदि| इनके अलावा यहाँ और भी कई घाट मौजूद है|

मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat)

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यह घाट हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यहाँ अंतिम संस्कार किया जाता है| इस घाट पर कई श्मशान घाट हैं, जहाँ लगातार अंतिम संस्कार होते रहते हैं| घाट के पास ही मणिकर्णिका कुंड है, जिसका जल पवित्र माना जाता है|

ऐसी मान्यता है कि इस घाट पर दाह संस्कार करने से मृतक को मोक्ष (मुक्ति) की प्राप्ति होती है और उसको जन्म-मरण के चक्र से छुटकारा मिल जाता है| मणिकर्णिका घाट को “महाश्मशान” भी कहा जाता है| यहाँ साधु-संतों और आघोरियों का निवास देखा जा सकता है| अगर Varanasi me Ghumne ki Jagah में रेटिंग की बात की जाए तो मैं इस जगह को 5 में से 4.2 देना चाहूंगा|

संकट मोचन मंदिर (Sankat Mochan Hanuman Temple)

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ये मंदिर बनारस के सबसे प्रसिद्ध और पवित्र मंदिरों में से एक है| इस मंदिर की स्थापना 16वीं शताब्दी में संत तुलसीदास जी ने की थी| ऐसा कहा जाता है कि तुलसीदास जी को यहीं हनुमान जी के दर्शन हुए थे| मंदिर के नाम ‘संकट मोचन’ का अर्थ है – “संकटों को दूर करने वाले”, और ऐसी मान्यता है कि यहाँ सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है| वैसे तो यहाँ हर दिन भीड़ रहती है, लेकिन हर मंगलवार और शनिवार को यहाँ विशेष पूजा होती है, जिसमें हज़ारों भक्त आते है|

भारत कला भवन (Bharat Kala Bhavan)

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ये कला भवन बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के अंदर स्तिथ है| यहाँ भारत के art और culture के बारे में दर्शाया गया है| अगर आप सम्पूर्ण भारत की कला, संस्कृति, सभ्यता, और परंपरा के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो आप यहाँ जरूर जाए| यहाँ आपको paint gallery, art gallery, archaeological gallery, और कई अन्य संग्रह देखने को मिलेंगे| ‘भारत कला भवन’ देश के सबसे प्रचलित संग्रहालयों में से एक है| Places to visit in Varanasi में ये जगह top 10 में शामिल है|

Shopping Places in Varanasi

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चलिए अब जान लेते है बनारस में शॉपिंग के लिए कौन कौन सी जगहें प्रचलित है| ‘थाथेरी बाजार’ में आप सिल्क की साड़ियाँ खरीद सकते है| यहाँ हैंडलूम साड़ियों का बेहतरीन कलेक्शन भी आपको मिलेगा| वाराणसी के ‘सदर बाजार’ में आप ब्रांडेड कपड़े, फुटवियर, इलेक्ट्रॉनिक्स, गिफ्ट आइटम्स, आदि खरीद सकते है|

जो लोग खाने का शौक रखते है वो ‘गोदौलिया चौक’ में घूम सकते है जो लस्सी, चाट, कचौड़ी और बनारसी पान के लिए जाना जाता है| ‘लहुराबीर मार्केट’ में आप लकड़ी की मूर्तियाँ, बौद्ध सामग्री और होम डेकोर आइटम खरीद सकते है| ये कुछ ऐसे मार्केट है जो Varanasi tourist places के टॉप लिस्ट में भी शामिल है|

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