Alfaaz Shayari – अलफ़ाज़ या तो दिल में दबे रह जाते है या फिर जुबां पर आते है| जो अलफ़ाज़ दिल में दफ़्न रह जाते है वो उम्र भर हमे परेशान करते है| हम हमेशा ये सोचकर अफ़सोस करते है की काश ये अलफ़ाज़ बोल दिए होते, काश दिल की बात कह दी होती| वही दूसरी ओर अलफ़ाज़ अगर जाहिर कर दी जाए तो जरुरी नहीं की सामने वाला उसे समझे और तवज्जों दे|
आज हम आपके लिए कुछ ऐसे ही alfaaz shayari लेकर आए जो उन्ही अनकहीं बातो को बयां करती है जो दिल के अंदर दफ़्न रह गए है| अगर आप भी किसी अपने को इन अधूरे अल्फाज़ो को कहना चाहते है तो इन शायरी की मदद ले सकते है|
Alfaaz Shayari in Hindi
# तेरी मुस्कान, कापते होठ, और मासूम से अलफ़ाज़,
और क्या कहे, बहुत याद आती हो तुम..!!
# लफ्ज़, अलफ़ाज़, खून की स्याही, और रूहानी किताब,
कहाँ कहाँ रखे हम, तेरी यादों का हिसाब..!!
# काश तुम पढ़ लेते आँखों के अलफ़ाज़ तो,
जुबां के मोहताज हम कभी ना रहते..!!
# इज़हार-ए-इश्क़ की खातिर कई अलफ़ाज़ सोचे थे,
खुद ही को भूल बैठे हम, जब तुम सामने आए..!!
# हम दिल के कुछ गहरे एहसास लिखते है,
मामूली शब्दों में ही सही,
पर रूहानी कुछ अलफ़ाज़ लिखते है..!!
Two Line Alfaaz Shayari
# दर्द भी मिटा नहीं, तकलीफ भी रह गयी,
पता नहीं आँसुओं के साथ वो क्या क्या ले गयी…!!
# तेरे वादों के साथ प्यार भी आधा रहा,
मुलाकातें तो हुई नहीं और इंतज़ार ज्यादा रहा..!!
# हम दोनों बारी बारी देते है मोहब्बत को अंजाम,
दिल को छूना मेरा काम और दिल को धड़काना उसका काम..!!
# लिख कर अल्फ़ाज़ कागज़ पर रोज़ मिटाता हूँ,
तेरी जुस्तजू ना करे दिल, ये रोज़ समझाता हूँ..!!
# बहुत संभाल कर रखे है तुम्हारे ख्याल,
एक तस्वीर, एक इश्क़, कुछ अलफ़ाज़,
और इंतज़ार में बीते कई साल..!!
# मेरी तन्हाइयों को अब कब्र नसीब हो ऐ खुदा,
अब टूट चूका हूँ इस तरह रो रो के जीने से..!!
Alfaaz Shayari 2 Line
# हम अल्फाजो से लिखते रह गए,
और वो दिल से खेल गए..!!
# बंद रहते हैं जो अल्फ़ाज़ किताबों में सदा,
गर्दिश-ए-वक़्त मिटा देती है पहचान उनकी..!!
# जब भरी महफ़िल में सन्नाटा फ़ैल जाये तो समझ लीजियेगा,
कि अल्फ़ाज बहुत गहरे उतरे हैं दिल में…!!
# मुझे इंतज़ार तो उस मौसम का है,
जिसमें पानी नहीं तेरा इश्क़ बरसे..!!
# अगर इंतज़ार ही इश्क़ है,
तो आखिरी साँस भी तेरे हवाले..!!
# इंसान तारों को तब देखता है,
जब जमीन पर कुछ खो देता है..!!
खामोश अल्फ़ाज़ शायरी
# तेरी बातो से निकलते अलफ़ाज़,
यूं ही नहीं समझ लेते है हम,
बेइंतेहा मोहब्बत करते है तुझसे,
तेरी ख़ामोशी भी पढ़ लेते है हम..!!
# शायरों के अलफ़ाज़ तो दुनिया पढ़ लेती है,
पर एहसास अनसुने रह जाते है..!!
# वक़्त युहीं रेत की तरह फिसलता रहा,
कोई मिलता रहा तो कोई बिछड़ता रहा..!!
# तन्हाई में अगर कभी याद आऊं,
तो समझ लेना तुम्हारे अंदर मैं अब भी कहीं ज़िंदा हूँ..!!
# दिल की बात जुबां से कह नहीं सकता,
तेरे इश्क़ में कितना डूबा हूँ ये अलफ़ाज़ बता नहीं सकता..!!
Alfaaz Shayari 2 Line
# अगर कागज़ पर गम उतारने के अंदाज़ ना होते,
मर ही गए होते अगर शायरी के अलफ़ाज़ ना होते..!!
# मेरे अलफ़ाज़ ही है मेरे दर्द का मरहम,
अगर मैं शायर ना होता तो पागल होता..!!
# अधूरे रहते है मेरे अलफ़ाज़ तेरे जिक्र के बिना,
मेरी शायरी की रूह तुझ में बसती है..!!
# जिन रिश्तों में रूह की गाँठ बंधी रहती है,
वही फेरे होते है मोहब्बत से मोहब्बत का..!!
# एक तुम ही थे जो किसी वजह से हमारे ना हुए,
वरना होने को तो इस दुनिया में क्या क्या होता है..!!
# तेहज़ीब ना सिखाइए मोहब्बत में हमे,
ता उम्र गुजार दी हमने उन्हें तस्वीरों में देखकर..!!